पंजाब में एडेड स्कूल नीतियों के खिलाफ शिक्षकों का "जेल भरो आंदोलन" 7 नवंबर से
हुशियारपुर/ दलजीत अजनोहा
पंजाब सरकार की एडेड स्कूल विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यभर के एडेड स्कूलों के शिक्षक, कर्मचारी और पेंशनभोगी 7 नवंबर को त arnतारन में "जेल भरो आंदोलन" शुरू करेंगे। इस दौरान वे जिला उपायुक्त कार्यालय त arnतारन के सामने सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देंगे।हुशियारपुर ज़िले के सभी एडेड स्कूलों के शिक्षकों और कर्मियों की एक आवश्यक बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि पंजाब सरकार 6 नवंबर तक अप्रैल से दिसंबर 2025 तक की वेतन अनुदान राशि जारी नहीं करती है, तो 7 नवंबर को राज्यभर के शिक्षक और पेंशनभोगी तरन तारन नगर के बाज़ारों में विरोध प्रदर्शन करेंगे और फिर डीसी कार्यालय के सामने गिरफ्तारियाँ देंगे।
यह आंदोलन पंजाब राज्य सरकारी सहायता प्राप्त अध्यापक एवं कर्मचारी यूनियन, एडेड स्कूल पेंशनर्स एसोसिएशन और एडेड स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन, पंजाब के संयुक्त आह्वान पर होगा।संयुक्त बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि सरकार गिरफ्तारी नहीं करती, तो 8 और 9 नवंबर को पूरे तरन तारन विधानसभा क्षेत्र के कस्बों और गांवों में व्यापक रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। इन प्रदर्शनों में जनता को बताया जाएगा कि लगभग 1.76 लाख छात्रों को पढ़ाने वाले एडेड स्कूलों के शिक्षक पिछले आठ महीनों से बिना वेतन के जीवन यापन कर रहे हैं।
प्रदर्शनों के दौरान पंजाब सरकार की कथित "शिक्षा क्रांति" और नौकरशाही की नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। यदि फिर भी सरकार ने स्कूल प्रबंधनों के ऑडिट संबंधित आदेश वापस लेकर अनुदान जारी नहीं किया, तो समूचे एडेड स्कूलों के कॉरेस्पॉन्डेंट्स सामूहिक रूप से अपने त्यागपत्र सरकार को सौंप देंगे।जथेबंदी के प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत सिंह मदनीपुर, महासचिव शरणजीत सिंह कादीमाजरा, पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरचरण सिंह चहल और मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवा सिंह चावला ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने 95 प्रतिशत वेतन अनुदान को प्रबंधन की आय के ऑडिट के नाम पर आठ-आठ महीने तक रोक दिया है। उन्होंने कहा कि एडेड स्कूल बंद होने की कगार पर हैं और शिक्षकों के परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं।

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