देवता आगे चले तो शिव भोले भूत प्रेतों के साथ बारात लेकर पहुंचेः राजन जी महाराज
-दशहरा मैदान में श्री राम कथा के दूसरे दिन शिव विवाह में झूमें श्रद्धालु
होशियारपुर /दलजीत अज्नोहा होशियारपुर के दशहरा मैदान में चल रही श्री राम कथा के दूसरे दिन शिव विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा करते हुए कथा वाचक राजन जी महाराज ने बड़े ही आदर एवं प्रेम सहित शिव विवाह की कथा सुनाई और भजनों के माध्यम से उपस्थिति को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार देवताओं के आग्रह पर जब भगवान विवाह के लिए मान जाते हैं तो ब्रह्मा जी महूर्त निकालते हैं और विवाह की तैयारियां शुरु हो जाती हैं। सभी देवता विवाह की तैयारियों में जुट जाते हैं और सिर्फ अपने को सजने संवारने में लगे रहते हैं व शंकर जी को सजाना भूल जाते हैं। इस पर भगवान गणों से कहते हैं कि वह उनका शिंगार कर दें। इसके बाद फिर क्या था गणों ने भगवान का ऐसा शिंगार किया कि गणों को तो भगवान का स्वरुप अत्यंत सुन्दर लगे, लेकिन जब कोई दूसरा देखे तो डर जाए। गणों ने भगवान की जटाओं का मुकुट बनाया, उनके गले एवं कानों में सर्पों की माला व कुंडल पहनाए। जिस आसन पर भगवान बैठते थे, उसी को कमर पर लपेट दिया और उसे सर्प से ही बांध दिया। भगवान को नवमुंडों की माला पहनाई गई तथा उनका सेहरा भी सर्पों से बनाया गया। भगवान शंकर का ऐसा रुप देखकर देवता सोचने लगे कि अगर भगवान ऐसे बारात लेकर जाएंगे तो हो गया विवाह। इस पर भगवान विष्णु ने देवताओं से कहा कि वह आगे-आगे चलें, जो होगा देखा जाएगा। सभी देवता दुल्हे तो छोड़कर आगे बढ़ गए। जब इस बात के बारे में गणों ने भगवान को बताया तो भगवान ने कहा कि वह अपने सभी भक्तों को बुलाएं। फिर क्या था, भगवान का आदेश मिलते ही भूत प्रेत और समस्त सृष्टि के जीव भगवान की बारात में शामिल होने के लिए कैलाश पहुंचने लगे तथा चारों तरफ हर-हरमहादेव के जयघोष गूंजने लगे। जब देवता गण राजा हिमालय के द्वार पहुंचने तो उनके स्वागत में खड़े नगर निवासी बारात को देखकर गदगद हो गए और सोचने लगे कि बारात इतनी सुंदर है तो दुल्हा कितना सुन्दर होगा। एक नगर निवासी ने भगवान विष्णु के पास जाकर कहा कि प्रभु आप ही दुल्हा हैं तो भगवान ने कहा कि नहीं वह तो पीछे आ रहा है। इसी बीच जब भगवान शंकर भूत प्रेतों के साथ वहां पहुंचे तो सभी डर कर इधर उधर भागने लगे। भगवान विष्णु के आग्राह पर भगवान शिव ने अपना सुन्दर रुप बनाया और पूरी विधिविधान के साथ भगवान का विवाह संपन्न हुआ। भगवान शिव शंकर के विवाह की कथा से पूरा पंडाल हर-हरमहादेव के जयघोष से गूंजाएमान हो गया। पूज्य राजन जी ने कहा कि भगवान शिव बहुत ही सरल हैं और उन्हें पाना तो उससे भी सरल है। इस दौरान उनके द्वारा गाए भोले नाथ के भजनों पर पूरा पंडाल झूम उठा। इस अवसर पर मुख्य यजमान व्रिजेश चंद्र विजय व प्रभा रश्मी के अलावा महापुरुषों में स्नेहमयी मां स्नेह अमृतानंद जी भृगु शास्त्री, पूर्व मंत्री सोम प्रकाश, पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद, सत्याव्रत गिरि जी महाराज, दैनिक यजमानों में हरिदेव बग्गा व अशोक बग्गा परिवार सहित, शीतल गुप्ता व अंजू गुप्ता, विजय शर्मा व सुनीता शर्मा, हरीश आनंद व नविता आनंद, अनिल सूद व पूनम सूद, विपिन वालिया व अनुराधा वालिया तथा सोनिया शर्मा व शुभांकर भारद्वाज ने पूजन किया। इस अवसर पर श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल के अध्यक्ष हरीश सैनी, इंस्पैक्टर संजीवप गौतम, पंडित ओंकार नाथ शर्मा, पूर्व पार्षद मोहन लाल पहलवान, संस्था की तरफ से चेयरमैन शिव सूद, प्रधान राकेश सूरी, महामंत्री प्रदीप हांडा, प्रचार सचिव अश्वनी शर्मा, कोषाध्यक्ष विपिन वालिया, प्रशांत कैंथ, कपिल हांडा, अनमोल सूद, गौरव शर्मा, शुभांकर शर्मा, अंकुश, सुशील पडियाल, अशोक सेठी, पं. दीपक शास्त्री, पंकज बेदी, मनी गोगिया, पंडित दर्शन लाल काका सहित अन्य सदस्यगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की।

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