गढ़शंकर मामले में अपना स्टैंड साफ करें सत्ताधारी नेता, सरकार के साथ हैं या होशियारपुर के साथः जिला बार एसोसिएशन
-12 नवंबर को डा. राज के निवास स्थान के घेराव की घोषणा
होशियारपुर /दलजीत अज्नोहा गढ़शंकर को बचाने के लिए जिला बार एसोसिएशन होशियारपुर की तरफ से शुरु किए गए संघर्ष को जहां पूरे जिले से बल मिलना शुरु हो गया है वहीं वकील भाईचारे के साथ-साथ अन्य संगठनों ने भी नए जिले के लिए होशियारपुर के टुकड़े करने का विरोध जताना शुरु कर दिया है। आज मंगलवार को जिला बार ने जहां बार रुम में बैठक करके अगली रणनीति तय की वहीं कचहरी परिसर में धरना देकर गढ़शंकर को नए जिले श्री आनंदपुर साहिब में शामिल करने का कड़ा विरोध जताया। इस मौके पर अध्यक्ष एडवोकेट पीएस घुम्मण ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि हमारे लोकल सत्ताधारी नेता अपना स्टैंड साफ नहीं कर रहे हैं कि वह होशियारपुर को बचाने के लिए उनके साथ हैं या फिर सरकार द्वारा लिए जा रहे गलत फैसले में उसका साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि होशियारपुर को बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। इस दौरान सचिव एडवोकेट नवजिंदर सिंह बेदी, एडवोकेट राकेश मरवाहा, एडवोकेट धरमिंदर दादरा सहित अन्य वरिष्ठ वकीलों एवं सदस्यों ने एकमत से कहा कि सरकार को अपने फैसले पर पुनः विचार करना चाहिए तथा रुपनगर का नाम बदलकर श्री आनंदपुर साहिब जिला कर देना चाहिए, जिससे सरकार एवं आम जनता पर अरबों रुपयों का बोझ भी नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब को जिला बनाकर वहां के प्रति लोगों के दिलों में तो सम्मान एवं धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं वह किसी घोषणा की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने बताया कि गढ़शंकर के कटने से आम लोगों के साथ-साथ व्यापारियों को भी भारी हानि होगी तथा यह आंदोलन सिर्फ वकीलों का नहीं बल्कि होशियारपुर के हर नागरिक का है। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को सांसद डा. राज कुमार व उनके बेटे विधायक ईशांक के निवास स्थान के घेराव किया जाएगा तथा उनसे उनका स्टैंड पूछा जाएगा कि वह होशियारपुर को बचाने के लिए किसके साथ हैं या फिर वह भी सरकार के दवाब में होशियारपुर के साथ अन्याय का साथ देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार गढ़शंकर को लेकर अपना स्टैंड साफ नहीं करती तब तक कामकाज ठप्प रखा जाएगा। इस मौके पर एडवोकेट रणजीत कुमार, मनिंदरपाल सिंह, बीएस रियाड़, सुहास राजन, वीके मेनन, लवकेश ओहरी, शमशेर भारद्वाज, अरविंद अग्निहोत्री, मनिंदर कौर, गोबिंद जसवाल, संदीप कुमार, विकास शर्मा, प्रदीप गुलेरिया, अभिनव महेन्द्रू, पुनीत इंदर कंग, पंचम शर्मा, सूरज सिंह, गुरतेज सिंह, पंकज ठाकुर, विक्रम सिंह, सर्बजीत सिंह, अमरदीप मलिक, विजय परदेसी, लवदीप, हरमन, मुकुल खोसला, राजेश कुमार, जान्वी शर्मा, राजविंदर, हर्ष ठाकुर, अभिनव महेन्द्रू, नरवीर सिंह, भारती बडियाल, नितिका सूरी, राजविंदर कौर, विनय मलिक, चेतना, बबनीत सहित बड़ी संख्या में वकील मौजूद थे।

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