भोग पर विशेष......
किसी पहचान के मोहताज नहीं थे भाजपा नेता विनोद गुप्ता
पाँच दशक से भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न जिम्मेवारियां निभा चुके विनोद गुप्ता किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। अपनी ईमानदार छवि तथा सियासत में बेदाग विनोद गुप्ता भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में आंके जाते थे और पार्टी की मजबूती के लिए दिन रात एक किए हुए थे। अपनी विनम्रता के कारण वह पार्टी वर्करों के चहेते नेता थे और सभी को प्यार तथा सम्मान देना विनोद गुप्ता को विरासत में मिला था। उल्लेखनीय है कि सुनाम ऊधम सिंह वाला में जन्में विनोद गुप्ता के पिता स्व. आनंद सरूप पेशे से वकील थे। विनोद गुप्ता ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से एमए हिंदी की हुई थी। सियासत के साथ-साथ विनोद गुप्ता एक अच्छे बिजनेसमैन भी थे। उनका श्री अंबाजी इंपेक्स मंडी गोबिंदगढ़ में था और जिंदल पेंथर टीएमटी आफ जीएसपीएल फॉर पंजाब के डिस्ट्रीब्यूटर भी थे। विनोद गुप्ता ने 1976 में एबीवीपी ज्वाईन की, इसके बाद वह 1977 में एबीवीपी सरकारी शहीद ऊधम सिंह वाला कालेज के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद 1981-82 में एबीवीपी पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के अध्यक्ष बने। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, 1984 से लेकर 1992 तक में सचिव का कार्यभार संभाला, जोकि बलदेव राज चावाला, लक्षमी कांत चावला, जयकृष्ण शर्मा, युगल किशोर के साथ मिलकर काम किया। इससे पहले विद्यार्थी परिषद अलोकनाथ, महेश शर्मा के साथ मिलकर काम किया । समय-समय पर जैसे कि अविनाश राय खन्ना, जेपी नड्डा यूनिवर्सिटी में सहपाठी रहे हैं। विनोद गुप्ता आजकल शमशान भूमि अली पत्ती सुनाम के अध्यक्ष भी थे, जिसमें उन्होंने जरूरतमंद लोगों के लिए लकड़ी व पानी की मुफ्त सुविधा की शुरूआत की। वे एक साल के लिए ओटीसी आरएसएस ट्रेनिंग कैंप जम्मू में 1982-83 में रहे। इसके बाद वे कई जिम्मेवारियां निभाते हुए 1992 में भारतीय जनता पार्टी में आए गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और भाजपा में कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेवारी निभाई। 1997 में पार्टी ने उनकी बेहतरीन सेवाओं को देखते हुए स्टेट एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाया। सियासत के साथ-साथ विनोद गुप्ता एक अच्छे समाज सेवी भी थे, जिन्होंने अपने पिता श्री आनंद सरूप की याद में श्री बाबू आनंद सरूप जिंदल चेरीटेबल फाउंडेशन के जरिए कई समाज सेवी कार्य भी किए। पानी बचाओ, वृक्ष लगाओं के तहत उनकी फाउंडेशन ने कई पेड पौधे भी लगाए थे।


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