मूर्ति स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया।
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
मंखा महेश्वर शिव मंदिर, मनहोता ,की ओर से मूर्ति स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया।जिसमें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री अंजली भारती जी ने कहा कि संत महापुरूष ही अपने नि:स्वार्थ कर्म द्वारा इस समाज का कल्याण करते हैं। उन्होंनें कहा कि जब-जब अधर्म का अधंकार गहन से गहनतम होता हैं,इंसान के विचारों में दुर्गंध फै ल जाती है। तब-तब भक्ति रूपी लहर से लेकर महापुरूष इस धरा को सुगन्धित करते हैं।
आगे साध्वी जी ने कहा कि साधारण जीव कर्मों से बंधे हुए संसार में आते हैं,लेकिन संत-सतगुरू दूसरे जीवों के कल्याण के लिए इस धरा पर आते हैं। वह जीव को प्रभु प्राप्ति का सच्चा मार्गदर्शन करके आवागमन के चक्र से मुक्त कर देते हैं। उन्होनें कहा कि भगवान श्री कृष्ण भी अर्जुन को यही समझाते हैं,और गीता के माध्यम से हमें भी इस बात को समझा रहे हैं कि जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्वि होती है,तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ, अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हुं । साधु पुरूषों का उद्धार करता हू और दुष्टों का विनाश करता हूँ।
अंत में उन्होंनें कहा कि हमें भी ऐसे संत महापुरूष की खोज करनी होगी,जो हमारे घट में प्रकाश रूप ईश्वर का साक्षात्कार करवा दें, इसलिए हम भी जिज्ञासु से आगे बढक़र ईश्वर पिपासु बन जाएं। हमारे जीवन का उदेश्य ईश्वर प्राप्ति है,भीतर सच्ची तड़प के साथ इस परम उदेश्य में लग जाए। साध्वी राने भारती जी , श्रद्धा दे नाल कोई बुलंदा नहीं,मेरी झोपड़ी के भाग, नी में नाचना शाम दे नाल,भजनों का गायन कर संगत को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर नवीन कुमार,उपेंद्र कुमार,ओर भारी संख्या में श्रद्धालू उपस्थित थे।
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