यदि आत्मा में विकार है तो परमात्मा से मिलना संभव नही - श्री स्वामी विश्वात्मानन्द जी
होली का पर्व धूम धाम से मनाया
केशव वरदान पुंज
डा राकेश पुंज
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चंडीगढ़
अटल अखाड़ा पीठाधीश्वर परम श्रद्धेय श्री स्वामी विश्वात्मानन्द जी महाराज ने आज विरक्त कुटिया खनाल कलां नज़दीक संगरूर में सुबह गांव वासियों एवं पंजाब भर से आये ईश्वर प्रेमी संगत से होली का पर्व बहुत ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाया।
गुरु गंगदेव सेवा समिति के महासचिव मनदीप अग्रवाल ने बताया 6 से 12 मार्च तक श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ श्री स्वामी जी द्वारा किया जाएगा। खनाल कलां गांव के लोगों की तरफ से यह आयोजन करवाया जा रहा है। आज कथा में स्वामी विश्वात्मानंद जी महाराज ने हाज़िर संगत को बताया यदि आत्मा में विकार है तो परमात्मा से मिलना संभव नही है।मनुष्य को जीवन में उत्तम कर्तव्य पालन करना चाहिए ताकि व्याकुन्थ की और जाना हो सके। उन्होंने गीता से श्रीकृष्ण का एक उपदेश अर्जुन को देते हुए बताया कि प्राणी को सिमरन करते करते युद्ध करना चाहिए ।
अपने प्रवचन में गुरुदेव ने कहा अपनी आत्मा को ही ईश्वर मानकर ध्यान से विचार से विश्वास करते हुए जीवन का निर्वाह करते हुए मोक्ष को प्राप्त करना चाहिए। पंजाब के प्रत्येक इंसान को आग्रह किया सभी को अपने इस्ट देवों द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलने और प्रचार करने पर बल दिया और दूसरों के धर्म का सत्कार करने का आह्वान किया। अपना धर्म छोड़ कर दूसरे का धर्म नही अपनाना चाहिए इससे आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में आ जाता है।
संत शिरोमणि जी ने कहा अगर आप भगवान के प्यारे नही बनोगे तो भगवान आप के प्यारे कैसे होंगे। आज सोनी खनाल , अमृत भोला , विक्की , पापु जी आयोजन पक्ष के इलावा गोपी राम , सतपाल , टोनी सामना , रवि सुनाम , रोहित , आकाश , सुभाष , फ़क़ीर चंद , निशा , गगन्दीप चीमा , कमलेश ने विशेष रूप से सेवा निभाई।
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