*2 वर्ष से अधिक समय से लंबित सभी ग्रेच्युटी मामलों का किया गया निपटारा : जशनदीप सिंह कंग*
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
ग्रेच्युटी कोई पुरस्कार नहीं, बल्कि नियोक्ता द्वारा कर्मचारी का अधिकार है। इसलिए, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत सहायक श्रम आयुक्त की अदालत में 2 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं और मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक मोड में की गई है। तदनुसार, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत 2 वर्ष से अधिक समय से लंबित सभी मामलों का निपटारा कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए, सहायक श्रम आयुक्त, होशियारपुर जशनदीप सिंह कंग ने बताया कि पिछले 5 महीनों में कुल 158 ग्रेच्युटी मामलों का निपटारा किया गया है, जिनमें से कुछ 2009 तक पुराने थे। इसके अलावा, पिछले 5 महीनों में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत 64 मामले, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 के तहत 40 मामले और कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के तहत 14 मामलों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि न्याय के हित में, अब कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के तहत 2 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का निपटारा फास्ट ट्रैक मोड में किया जाएगा।
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