माता चिंतपूर्णी मेला-
लंगरों को 100 प्रतिशत नो प्लास्टिक मिशन के साथ मैदान में उतरा जिला प्रशासनः आशिका जैन
- डिप्टी कमिश्नर ने प्रेस क्रांफ्रेस कर प्रशासन की व्यवस्थाओं के बारे में दी जानकारी
- 300 से अधिक वालंटियर्स लंगर पंडालों में देंगे स्वच्छता का संदेश
- एनजीओ, सिविल डिफेंस और प्रशासन मिलकर बनाएंगे हर स्टॉल को प्लास्टिक-मुक्त
- सबसे स्वच्छ लंगरों व वालंटियर्स को किया जाएगा सम्मानित
- प्रदूषण कंट्रोल विभाग व नगर निगम के साथ 5 लाख की ईको-फ्रेंडली सामग्री भी मुहैया करवाएगा प्रशासन
- इमरजेंसी की स्थिति में कंट्रोल रुम के नंबर 01882- 292570 पर संपर्क कर सकते हैं श्रद्धालु
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने कहा कि जिला प्रशासन व रेडक्रास सोसायटी की ओर से “चढ़दा सूरज” पहल के तहत इस बार माता चिंतपूर्णी के मेले को लेकर होशियारपुर सीमा में लगने वाले लंगरों को सिंगल यूज प्लास्टिक से 100 प्रतिशत मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। वे आज ज़िला प्रबंधकीय परिसर में एक विशेष प्रेस कांफ्रेंस का संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 100 नो प्लास्टिक मिशन को लेकर मीडिया के माध्मय से लोगों को जागरूक करने और जनसहयोग की अपील भी की।
डिप्टी कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि इस पहल को अमलीजामा पहानाने के लिए होशियारपुर की 20 से ज्यादा एन.जी.ओज आगे आई हैं, जिनके 150 वालंटियर्स के अलावा सिविल डिफेंस के 150 वालंटियर कुल मिलाकर 300 से ज्यादा वालंटियर्स को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। उनको शिफ्टों के हिसाब से आदमवाल से लेकर होशियापुर सीमा तक लगे लंगरों में नियुक्त किया गया है। यह वालंटियर इस दौरान स्टॉल्स और लंगर पंडालों की नियमित सफाई की निगरानी, 100 प्रतिशत प्लास्टिक-मुक्त पंडाल सुनिश्चित करने, श्रद्धालुओं को नो-प्लास्टिक नीति के प्रति जागरूक करने, कचरा प्रबंधन में सहायता करने और 10 दिनों तक सर्वश्रेष्ठ स्टॉल्स की नियमित रिपोर्टिंग करेंगे।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल माहौल देना है, बल्कि यह एक मिसाल के तौर पर अन्य धार्मिक मेलों और आयोजनों को भी दिशा देने वाला कदम है। उन्होंने मीडिया से इस सकारात्मक मुहिम को व्यापक कवरेज देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से मेले में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे अच्छा प्लास्टिक मुक्त लंगर या स्टॉल, जो स्वच्छता और पर्यावरण दिशा-निर्देशों का पालन करेगा, उसे भी पुरस्कार मिलेगा। श्रेष्ठ वालंटियर, जो अपनी सेवा के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत करेगा, को भी सम्मानित किया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने बताया कि मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियां की गई हैं। मेले में कपड़े के थैलों के वितरण केंद्र, पीने के पानी की व्यवस्था, अतिरिक्त कूड़ेदान और सफाई टीमों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि इस बार नगर निगम, प्रदूषण कंट्रोल विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से जिला प्रशासन की ओऱ से 5 लाख रुपए तक पर्यावरण अनुकूलित प्लेट, चम्मच आदि उन लंगर सोसायटियों को उपलब्ध करवाए जाएंगे जो अंजाने में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने सभी लंगर सोसायटियों से अपील करते हुए कहा कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यह केवल प्रशासन की नहीं, हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे कपड़े या जूट के थैले और पानी की बोतल साथ लाएं। दुकानदार ईको फ्रैंडिली पैकेजिंग अपनाएं और सेवादार श्रद्धालुओं की सहायता करें। उन्होंने कहा कि “चढ़दा सूरज” सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और हरा भविष्य देने की शुरुआत है। इस लिए हम माता को केवल अरदास ही नहीं, एक स्वच्छ और प्रदूषण रहित वातावरण भी अर्पित करें। यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पर्यावरण क्रांति की मशाल बने।
आशिका जैन ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए रिलायंस इंडस्ट्री के साथ कंट्रोल रुम बनाया गया है और कोई भी श्रद्धालु किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में कंट्रोल रुम के नंबर 01882- 292570 पर संपर्क कर सकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि वे भार ढोने वाले वाहनों का प्रयोग न करें व बसों की छतों पर चढ़ कर यात्रा करने से भी गुरेज करें। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से ट्रैफिक नियंत्रण, सुरक्षा, सफाई, स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष प्रबंध किया गया है। इस मौके पर सचिव रेडक्रास सोसायटी मंगेश सूद, संयुक्त सचिव आदित्य राणा, रेडक्रास सोसायटी के सदस्य, एन.जी.ओज व वालंटियर्स भी मौजूद थे।
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