गौतम नगर में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर संस्थान के स्थानीय आश्रम गौतम नगर, होशियारपुर में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया। इस योग शिविर में श्री आशुतोष महाराज जी शिष्या साध्वी रेणु भारती जी और साध्वी रणे भारती जी ने सभी उपस्थित योग अभ्यासियों को वृक्षासन, ताड़ासन, अर्धचन्द्रासन इत्यादि योगिक क्रियाएं और प्राणायाम करवाते हुए सही आहार के विषय में समझाया। साध्वी जी ने बताया कि "जैसा अन्न वैसा मन" यह कहावत हमारे जीवन के एक बहुत ही महत्वपूर्ण सत्य को दर्शाती है। इसका सीधा सा अर्थ है कि जैसा भोजन हम ग्रहण करते हैं, वैसा ही हमारा मन और विचार भी बनते हैं। यह सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य की बात नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की भी बात है। हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक और सात्विक भोजन अनिवार्य है। जब हम पौष्टिक, ताजा और सुपाच्य भोजन करते हैं, तो हमारा शरीर ऊर्जावान महसूस करता है और मन शांत, सकारात्मक और एकाग्र होता है। ऐसा भोजन न केवल शारीरिक शक्ति प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे विचारों में भी स्पष्टता और रचनात्मकता लाता है। इसके विपरीत, यदि हम अस्वास्थ्यकर, बासी, अत्यधिक मसालेदार या तामसिक भोजन जैसे कि फास्ट फूड, अत्यधिक तेल-मसालेदार व्यंजन सेवन करते हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे मन पर भी पड़ता है। ऐसा भोजन शरीर में आलस्य, भारीपन और सुस्ती पैदा करता है। अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि अनहेल्दी डाइट का संबंध डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याओं से होता है। अंततः, "जैसा अन्न वैसा मन" हमें सिखाता है कि स्वस्थ और प्रसन्न जीवन जीने के लिए, हमें अपने भोजन को केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि अपने शरीर और मन के पोषण का आधार मानना चाहिए। पौष्टिक और सात्विक भोजन अपनाकर हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि एक शांत, सकारात्मक और समृद्ध मन भी प्राप्त कर सकते हैं।
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