सरकारी कार्यालयों के वास्तु दोष सभी जनता को भोगना पड़ता हैं _डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
जब भी बात वास्तु की आती है तो हमें सिर्फ़ हमारे भवन की वास्तु तक सीमित नहीं रहना होगा। हम जिस शहर, राज्य में रह रहे हैं उस शहर ओर राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों चाहे शिक्षा , चिकित्सा, राजस्व, शासकीय, वित्त, विधि, कानून, परिवहन, आपदा विभाग की वास्तु के प्रभाव भी हम आम जनता को झेलने पड़ते हैं ऐसा मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का। जो कार्यालय जिस शासकीय तंत्र से जुड़े हैं उससे संबंधित गुण धर्म के प्रभाव जन सामान्य को झेलने पड़ते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी शहर, राज्य के पुलिस मुख्यालय में वास्तु दोष है तो जनता को आपराधिक मामले ज्यादा प्रभावित करेंगे। अगर शासकीय कार्यालय में ईशान कोण में गंभीर वास्तुदोष है तो वहां से कोई ऐसा ऑर्डर निकल सकता है जो जन हित में होते हुए भी जन हितार्थ नहीं लगेगा और जनता ऐसे ऑर्डर का विरोध भी कर सकती हैं जैसे हड़ताल करना, उस ऑर्डर के विरुद्ध निराधार बातें बनाना आदि आदि। किसी कार्यालय में ईशान कोण,आग्नेय कोण ओर नेरीतय कोण दूषित है तो सरकारी ऑर्डर को अकारण विलंब होने लग जाता हैं। अतः हमें हमारे भवन की वास्तु के साथ साथ बाहरी वास्तु को भी ध्यान में रखना होगा।
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