इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मुकदमा में महामहिम को पत्र लिखकर न्यायिक जांच की मांग ।
फरीदाबाद। इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया जिला इकाई पत्रकार संघ अध्यक्ष फरीदाबाद पत्रकार मोहन तिवारी ने शहर के स्थानीय महिला एवम पुरुष पत्रकारों के खिलाफ बीते चार जुलाई सेंट्रल थाने में दर्ज मुकदमा के संबन्ध में महामहिम राज्यपाल हरियाणा, मुख्यमंत्री हरियाणा, डीजीपी हरियाणा व जिला उपयुक्त फरीदाबाद को लिखित शिकायत पत्र भेजकर निष्पक्ष न्यायिक जाँच या फिर किसी आईपीएस रैंक के अधिकारी से कराने की मांग की है।
इंडियन जर्नालिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के जिला प्रधान मोहन तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है की आए दिन फरीदाबाद के स्थानीय पत्रकारों के खिलाफ मुड़का दर्ज हो रहे है जिसका सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है जो की काफी चिंता का विषय है।
श्री तिवारी ने आगे कहा है की अभी हाल ही में बीते चार जुलाई को सेंट्रल थाना फरीदाबाद में कुछ महिला व पुरुष पत्रकारों के खिलाफ मामला सामने आया है।
इंडियन जर्नालिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के जिला प्रधान मोहन तिवारी ने अपने पत्र में गंभीर सवाल किए है और उन्होंने कहा है की एक ही संस्थान के द्वारा बार-बार एक ही स्थानीय पत्रकार के खिलाफ बार-बार मुकदमा दर्ज होना और उसे आरोपी बनाना कहीं ना कहीं शाजीशन, रंजिशन, बदले की भावना के नियत से उसके खिलाफ की गई कार्रवाई धारा 120 भी ईजाद होना प्रतीत होता है।
आगे उन्होंने कहा है की जबकि उस स्थानीय पत्रकार का आपस में मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि वह स्थानीय पत्रकार बार-बार गलती करने का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इतना बड़ा दोषपूर्ण कार्य करेगा यह जानते हुए भी कि शिकायतकर्ता संस्थान काफी पावरफुल व्यक्ति है।
आगे उन्होंने कहा की दर्ज मुकदमा में महिला स्थानीय पत्रकार को नामजद आरोपी बनाया गया है जिसका निष्पक्ष न्यायिक जांच कराई जाने की जरूरत है।
आगे श्री तिवारी ने कहा है की कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस तरह का बार-बार मुकदमा स्थानीय पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराकर बाकी अन्य पत्रकारों का मुंह बंद करने की गहरी साजिश चल रही है।
इंडियन जर्नालिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के जिला प्रधान मोहन तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है की पत्रकारों के खिलाफ किसी भी तरह का मामला सामने आने पर डीसीपी एसीपी रैंक के अधिकारी के द्वारा मामले में दखल करने हेतु ऐसे मांगे उन्होंने पहले भी जिला उपयुक्त कार्यालय के बाहर लंबा अनशन करके किया था , उस दौरान उन्होंने अपना जान जोखिम में डालकर अनशन किया था और ऑफिशियल पुलिस के सीपी साहब और दिए साहब के दखल के बाद ऑफिशियल जानकारी दी गई और लिखा गया कि “मोहन तिवारी जी की कुछ मांगी थी उनकी सभी मांगे मान लिया गया है” अब बड़ा सवाल यह है कि वह कैसे मांगे मानी गई थी, कभी भी बिना कुछ बताएं पत्रकारों के खिलाफ आरोप लगाने मात्र से ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है और उसमें कई पत्रकार आरोपी बना दिए जाते हैं।
आगे श्री तिवारी ने कहा है की फरीदाबाद के कई थानों में शहर के पीड़ित महिला व पुरूष फरियादी थाने चौकी का धक्के खा रहे है,जल्दी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है,पत्रकारों के खिलाफ मामला आते ही आरोप लगने मात्र से बिना जांच के ही दर्ज हो जा रहा है जो की काफी चिंता का विषय है।
श्री तिवारी ने कहा है की न्यायिक जांच अथवा आईपीएस रैंक के अधिकारी से नही कराया जाता है तो आगे व्यापक रूप से शांति पूर्ण सत्यग्रह करेंगे।
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