भोले नाथ जी के कंठ में नरमुंडों की माला संकेत कर रही है कि ये मानव का तन नश्वर है=कथा व्यास जयंती भारती
होशियारपुर=दलजीत अजनोहा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं शहर निवासियों द्वारा श्री बाबा शांति गिरी लंगर हॉल, दसूहा में पाँच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। जिसके चौथे दिन गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्याओं ने सुमधुर भजनों द्वारा कथा का वाचन कर भगवान शिव की लीलाओं में छुपे रहस्यों को भक्तों के समक्ष रखा। कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने कहा कि शिव शंकर हमें आत्मा के उत्थान की प्रेरणा दे रहें है। भोले नाथ जी के कंठ में नरमुंडों की माला संकेत कर रही है कि ये मानव का तन नश्वर है। एक दिन इसका नाश हो जाएगा। प्रन्तु अर्थी के उठने से पहले जीवन के अर्थ को समझ लो और शिव को प्राप्त कर लो।
भोले नाथ की जटाओं का मुकट ध्यान लगाने की कला सीखा रहा है। ये मन मानव की समस्या का कारण है। संसार की माया में बिखरी चित वृत्तियाँ उसे उलझाए रखती है। भगवान शिव का चिंतन चिंताओं से मुक्ति का साधन है। ध्यान केवल दो नेत्र मूँद कर बैठने से नहीं लगता उसके लिए पहले अपने ह्रदे को जानना जरूरी है। धर्म ग्रंथ समझाते है कि ईश्वर केवल मानने का विषय नहीं है बल्कि ईश्वर जानने का विषय है। ब्रह्मज्ञान विधि द्वारा अपने भीतर शिव शक्ति को जगाओ।
इस अवसर पर दीप प्रज्वलित करने के लिए विशेष रूप से श्री विजय सांपला जी, जोगिंदर पाल निक्कू, मनु खुल्लर, करण खुल्लर, मनजीत सिंह मिनटा, सुरजीत सिंह बब्बी, रमेश जी ( रमेश ज्वेलर्स), अजय खुल्लर, बंटी खोसला, नरिंदर पप्पी, मास्टर सुरजीत सिंह शर्मा, जग्रनाथ जी, डॉ संदीप जी, श्रीमती मोनिका दत्ता और रुक्मणी भारती जी शामिल हुए। कथा का समापन आरती के साथ हुआ।
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