Trident group के संस्थापक पदमश्री Rajinder Gupta के नेतृत्व में महाशिवरात्रि पर रणीके में विशाल मेले का आयोजन
Dr Rakesh Punj
Keshav vardaan Punj
Barnala Punjab
बरनाला धूरी रोड पर स्थित प्राचीन श्री रणकेश्वर महादेव मंदिर जो कि गांव रणीके में स्थित है। यह वह महान तीर्थ स्थान है जहां खुद भगवान भोलेनाथ प्रकट हुए थे व उन्होंने अर्जुन की तपस्या से खुश होकर उसे वरदान दिया था। मान्यता है कि जो भी भगतजन मंदिर में आकर श्रद्धा से भोलेनाथ का जलाभिषेक करते है भोलेनाथ उनके जन्मों जन्मांतर के पाप दूर करके उसकी झोली खुशियों से भर देते है। महाशिवरात्र के महान पर्व पर आज 18 फरवरी को रणकेश्वर मंदिर रणीके में पदम श्री राजिन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में मेला लगाया गया है जोकि कई वर्षो से हर वर्ष महाशिवरात्रि के पर्व पर लगता है। ट्राईडैंट ने मेले को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली है। इस बार श्री रणकेश्वर मंदिर में हजारों शरदालुओ ने नतमस्तक हो कर जलाभिषेक किया ।जिनमे बरनाला,संगरूर के अलावा अन्य दूसरे राज्यों से भगतजन शामिल है। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रंबध किए है।
खुद पदम श्री राजिन्द्र गुप्ता बरनाला से रणीके मंदिर तक पैदल चलकर भोलेनाथ का करेंगे जलाभिषेक
बरनाला से रणकेश्वर मंदिर की दूरी 14 किलोमीटर है। हर वर्ष की तरह इस बार पदम श्री राजिन्द्र गुप्ता बरनाला से पैदल मंदिर तक की दूरी तय करेंगे व नंगे पांव मंदिर में पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। मंदिर के इतिहास की तरफ यदि हम नजर मारें तो कहते है कि श्री रणकेश्वर मंदिर रणीके वह स्थान है जहां कौरवों द्वारा पांडवों को जरा सी भी जगह देने से इंकार करने के बाद युद्ध की रचना यहीं रची थी। महाभारत के युद्ध से पहले पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना भी यहीं की। जिसके बाद इस स्थान का नाम श्री रणकेश्वर महादेव मंदिर पड़ा है। यहीं पर ही अर्जुन ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए कठिन तप किया व भगवान भोलेनाथ ने खुश होकर अर्जुन को वरदान दिया। भगवान शिव के प्रगट होने के बाद उनका स्वरूप स्वयंभू प्रगट शिवङ्क्षलग जोकि मंदिर में विद्यमान है। आज जन जन की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। मंदिर की सुंदरता भी इतनी निराली है कि जो भी भगत मंदिर आता है तो मंदिर की सुंदरता को देखकर धन्य हो जाता है। भोले के द्वार से भक्तजन खुशियां लेकर हर हर महादेव के उदगोष लगाते हुए घरों को लौट रहे हैं।
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