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देश भर में ज़ोरदार मोदी लहर के बावजूद 2014 में पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में एकतरफ़ा जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने मंच से यही गाना गया था.
2019 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपने काम के आधार पर वोट माँगे और लोकप्रियता की लहर पर सवार बीजेपी केजरीवाल को अपना शानदार प्रदर्शन दोहराने से रोक नहीं पाई.
बुनियादी मुद्दों पर कामयाबी के साथ राजनीति करने के लिए जानी जाने वाली पार्टी अब अचानक देशभक्ति और रामराज की बातें करने लगी है, ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि इसके पीछे उसकी मंशा क्या है?
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